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लेखनी प्रतियोगिता -07-Mar-2022 मुस्कुराहट

तेरी तिरछी मुस्कान ने, गजब का जादू किया 
आंखों ही आंखों में तूने, दिल मेरा चुरा लिया 
मस्तानी चाल ने तेरी, तूफां दिल में उठा दिया 
गुलाबी बदन की खुशबू ने, पागल बना दिया 

अब तो सिर्फ तेरा खयाल दिल में रहता है 
तेरे ही हुस्न का सवाल महफिल में रहता है 
जबसे झलक देखी है बेमिसाल शबाब की 
तब से हर इंसां अजब मुश्किल में रहता है 

आंखों से छेड़ा है तूने, तो हम भी छोड़ेंगे नहीं 
रंगों से कर देंगे सराबोर मगर निचोड़ेंगे नहीं 
गालों पे मल के गुलाल तेरा हुलिया बदल देंगे 
तू लाख छुपी हो घर में मगर हम छोड़ेंगे नहीं 

हरिशंकर गोयल "हरि"
7.3.22 


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14 Comments

Punam verma

08-Mar-2022 09:17 AM

Nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

08-Mar-2022 06:15 PM

धन्यवाद जी

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Swati chourasia

08-Mar-2022 07:34 AM

Very beautiful 👌

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Hari Shanker Goyal "Hari"

08-Mar-2022 08:45 AM

आभार आपका जी

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Dr. Arpita Agrawal

08-Mar-2022 12:33 AM

वाह👌👌

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Hari Shanker Goyal "Hari"

08-Mar-2022 08:45 AM

आभार आपका जी

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